दिल्ली से 80 KM दूर टापू बना नूंह का जेवंत गांव, बच्चे स्कूल जाने से वंचित, खाने के पड़े लाले
> तीन महीने से जलभराव की समस्या, प्रशासन बना मूकदर्शक
Updated: Thu, 10 Jan 2025 10:02 AM (IST)
Edited By: Mewatlive
🚨 हाईलाइट्स
✅ हवा भरी ट्यूब से सफ़र करने को मजबूर ग्रामीण
✅ स्कूल बंद, फसल चौपट, पशुओं के लिए भी चारे का संकट
✅ प्रशासन से लगातार गुहार, लेकिन नहीं निकला कोई हल
🌊 टापू में तब्दील हुआ जेवंत गांव, चारों तरफ पानी ही पानी
राजधानी दिल्ली से महज 80 किलोमीटर दूर नूंह जिले का जेवंत गांव पिछले तीन महीने से जलभराव की चपेट में है। गांव का बाहरी इलाकों से संपर्क पूरी तरह कट चुका है, जिससे ग्रामीणों की ज़िंदगी बदहाल हो गई है। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर किसानों और पशुपालकों तक, हर कोई परेशान है।
सितंबर में आई बारिश के बाद से गांव टापू में बदल चुका है। पानी की निकासी न होने के कारण सड़कें डूब गईं, खेत जलमग्न हो गए और आम जनजीवन ठप हो गया। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई, और ग्रामीणों को खाने-पीने तक की दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
🚣 ट्यूब का सहारा लेकर पार कर रहे रास्ता
गांव में आने-जाने के लिए कोई साधन नहीं बचा है, ऐसे में ग्रामीण हवा भरी ट्यूब का सहारा लेने को मजबूर हैं। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी इसी तरह पानी को पार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 500 मीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए ट्यूब का ही सहारा लेना पड़ता है।
📢 “हमने कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही। बच्चों की पढ़ाई चौपट हो गई है और रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है,” – एक ग्रामीण ने कहा।
🌾 फसलें बर्बाद, पशुओं के लिए चारा भी नहीं
जेवंत गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलभराव की चपेट में है। इस बार किसान रबी की फसल की बुवाई भी नहीं कर पाए। इतना ही नहीं, घरों में पशुओं के लिए चारा खत्म हो चुका है। मजबूरी में कई ग्रामीण अपने दुधारू पशु औने-पौने दामों में बेच चुके हैं।
🐄 “हमारे पास जो थोड़ा बहुत भूसा था, वो खत्म हो चुका है। पशुओं के लिए चारा नहीं मिल रहा, जिससे दूध का संकट भी पैदा हो गया है।” – एक पशुपालक ने बताया।
🏫 स्कूल जाने से वंचित हो रहे बच्चे
लगातार जलभराव के कारण गांव के बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो गई है। स्कूल जाने के लिए कोई सुरक्षित रास्ता नहीं बचा। कई बच्चे तीन महीने से स्कूल नहीं जा पाए, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
📖 “हमारे बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए,” – एक अभिभावक ने चिंता जताई।
⚠ प्रशासन से मदद की गुहार, लेकिन कोई हल नहीं
ग्रामीणों ने इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। प्रशासन ने समस्या निपटाने के लिए शिविर तो लगाए, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
💬 “हर साल प्रशासन सिर्फ आश्वासन देकर चला जाता है, लेकिन हमारी समस्या जस की तस बनी रहती है। अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो हमें अपना गांव छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा,” – ग्रामीणों की नाराजगी।
📢 सरकार और प्रशासन से जल्द समाधान की मांग
अब ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है। अगर जल्द ही जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो लोगों के लिए गांव में रहना नामुमकिन हो जाएगा।
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